जब मरीज ही डॉक्टरों का कमांडर इन चीफ और बॉस होता है, तो उन्हें भी यस सर कहना पड़ता है

कोरोना संक्रमित होने के बाद डोनाल्ड ट्रम्प तीन दिन मेरीलैंड के वॉल्टर रीड नेशनल मिलिट्री मेडिकल सेंटर में रहे। सोमवार को वे डिस्चार्ज हुए। इस दौरान वे डॉक्टरों से उन्हें जल्द डिस्चार्ज करने की गुजारिश करते रहे। कोरोनावायरस की गंभीरता को उन्होंने हमेशा नकारा। इससे डॉक्टरों के सामने भी परेशानी खड़ी हो गई। क्योंकि, यह पेशेंट उनका बॉस भी था।

कोरोना को लेकर ट्रम्प क्या सोचते हैं, यह हॉस्पिटल से डिस्चार्ज होने के बाद उनके एक ट्वीट से पता चलता है। ट्रम्प ने इस ट्वीट में कोरोना की तुलना मौसमी फ्लू से कर दी। उन्होंने कहा कि फ्लू का मौसम आ रहा है। हर साल फ्लू से एक लाख मौतें होती हैं। वैक्सीन के बावजूद लोग मरते हैं।

कमांडर इन चीफ की बात कैसे नकारें
सीन कोनले व्हाइट हाउस के फिजिशियन और नेवी के डॉक्टर हैं। प्रेसिडेंट ही सेनाओं का कमांडर इन चीफ होता है। जाहिर सी बात है कि डॉक्टर कोनले के लिए ट्रम्प का ऑर्डर मानना मजबूरी थी। क्योंकि, आर्मी में बॉस के ऑर्डर की अनदेखी नहीं की जा सकती। इसे सबसे बड़ा अपराध माना जाता है। देश के कुछ पूर्व प्रेसिडेंट्स की तरह ट्रम्प ने भी अपने लिए मिलिट्री डॉक्टर ही चुना। कोनले यूएस नेवी में लेफ्टिनेंट कमांडर की रैंक मेंटेन करते हैं। सोमवार को उन्होंने कहा- राष्ट्रपति की सेहत पर ध्यान देना होगा। खतरा खत्म नहीं हआ है। हालांकि, उन्होंने ट्रम्प के व्हाइट हाउस लौट जाने को गलत मानने से इनकार कर दिया।

अच्छे पेशेंट साबित हुए ट्रम्प
डॉक्टर कोनले ने कहा- प्रेसिडेंट जितने दिन यहां रहे, हमारे लिए अच्छे मरीज साबित हुए। उन्होंने हमारी मेडिकल टीम को पूरी तरह से सहयोग किया। उन्होंने एक बार भी टीम को परेशान नहीं किया। कोनले ने यह बातें ट्रम्प के व्हाइट हाउस निकल जाने के बाद कहीं। मिलिट्री हॉस्पिटल में भी ट्रम्प ही बॉस थे। वॉल्टर रीड नेशनल मेडिकल कमांड सेंटर है। ट्रम्प ने भी वही डॉक्टर चुना जो हेल्थ के मामले में वही बातें बताए जो वे चाहते थे।

सियासत पर फोकस ज्यादा
‘द प्रेसिडेंट इज ए सिक मैन’ यानी राष्ट्रपति बीमार व्यक्ति हैं, किताब के लेखक मैथ्यू एल्जियो कहते हैं- राष्ट्रपति ने यह फैसला (हॉस्पिटल से डिस्चार्ज होने का) सियासत की वजह से किया। दवाई या इलाज को उन्होंने प्राथमिकता नहीं दी। यहां आप पॉलिटिक्स और मेडिसिन में फर्क साफ देख सकते हैं। मैथ्यू के मुताबिक, ट्रम्प के फैसले से जनता के उस अधिकार का हनन हुआ जिसके तहत उसे प्रेसिडेंट की हेल्थ के बारे में जानने का हक है। इस बारे में एक कमिशन बनाकर सच सामने लाया जाना चाहिए।

टीम भी मजबूर थी
एल्जियो कहते हैं- ट्रम्प ने अपनी सेहत की गंभीरता को छिपाया। उनकी टीम तो मजबूर कही जा सकती है। अब्राहम लिंकन भी गंभीर रूप से बीमार हुए थे। उन्होंने भी इसे हल्के में लिया। वुडरो विल्सन को हार्ट स्ट्रोक आया था, इस पर चार महीने तक पर्दा डालकर रखा गया। ग्रोवर क्लीवलैंड की कैंसर सर्जरी की बात तो करीब 25 साल छिपाई गई। फ्रेंकलिन रूजवेल्ट बीमारी को ताउम्र छिपाते रहे। यही वॉरेन हार्डिंग ने किया।

वजह राजनीतिक ही थी
विलियम कॉलेज की प्रोफेसर और लेखिका सुसैन डन कहती हैं- रूजवेल्ट ने सेहत पर गंभीर खतरे की बात छिपाई। इसकी वजह यह थी कि उसी साल चुनाव होने थे। अब शायद डोनाल्ड ट्रम्प भी इसी रास्ते पर चल रहे हैं। वे भी हेल्थ डेंजर को तवज्जो नहीं दे रहे हैं। उनका बर्ताव भी बेहद गैर जिम्मेदाराना है। वो महामारी की गंभीरता को नहीं समझ रहे हैं। उनके डॉक्टर भी अपने हिसाब से टाइमलाइन बता रहे हैं, उनकी बातों में भी गंभीरता नहीं दिखती।

इससे भ्रम ही फैलेगा
कुल मिलाकर, ट्रम्प के हॉस्पिटल में एडमिट होने से भ्रम ही पैदा हुआ। उनके कई सहयोगी भी पॉजिटिव पाए गए हैं। अब ये माना जा रहा है कि ट्रम्प की केयर वेस्ट विंग ज्यादा कर रही है और डॉक्टर कम। ट्रम्प ने अपना रूटीन भी पुराना ही रखा है। ये जानते हुए भी वे रिस्क ले रहे हैं कि उनकी उम्र और वजन के लिहाज से यह बीमारी खतरनाक साबित हो सकती है। पूर्व हेल्थ कमिश्नर लीना वेन कहती हैं- इन्फेक्शन होना किसी को हॉस्पिटल में रखने की सही वजह नहीं हो सकती। लेकिन, अगर कोई पेशेंट जानबूझकर दूसरों को खतरे में डाल रहा है तो फिर उसकी मर्जी के खिलाफ भी उसे हॉस्पिटल में रखा जा सकता है।

इससे सेना का भी नुकसान
होमलैंड सिक्योरिटी और डिफेंस डिपार्टमेंट के पूर्व अफसर डेविड लपान कहते हैं- जब राष्ट्रपति ही सेहत के बारे में फैसला लेने लगे तो यहां आकर डॉक्टर और हॉस्पिटल के हाथ बंध जाते हैं। इससे तो मिलिट्री और डॉक्टरों का भी नुकसान है। डॉक्टर कोनले ने सोमवार को यह नहीं कहा कि राष्ट्रपति को गुरुवार को फंड रेजिंग प्रोग्राम के लिए न्यूजर्सी जाना चाहिए। उन्होंने सियासी बातों में पड़ने से इनकार कर दिया था। कोनले ने कहा था- मैं इस बारे में बात नहीं करना चाहता।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
Donald Trump Military Doctors Update, US Presidential Campaign 2020 News; Here's Latest News From The New York Times


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/33BS28v
via IFTTT

Post a Comment

0 Comments